आंतों की टीबी एक खतरनाक बीमारी है जबकि ज्यादातर लोगों को केवल फेफड़े की टीबी के बारे में ही पता होता है। आंतों की टीबी के बारे में लोगों को कोई जानकारी नहीं होती है। इस बीमारी के लक्षण क्रोंस बीमारी से मिलते-जुलते हैं।
1। स्वर्णपर्पटी 120 मि.ग्राम 1X2 भुना जीरा 500 मि.ग्राम भुनी हींग 6 मि। ग्राम व शहद से।
2। अग्नि कुमार रस 120 मि.ग्राम, राम बाण रस 240 मि.ग्राम --1x2 मात्रा
3। पिप्पल्यासव 20 मि.लि। 1x2 भोजन के बाद न। 2 की औषधि खाकर बराबर पानी मिलाकर दें।
4। गृहणी मिहिर तेल मालिश के लिए।
5। विजयपर्पटी 120 मि.ग्राम, पीयूष बल्ली रस 120 मि.ग्राम, स्वर्णभूपति रस 120 मि.ग्राम महाराज नृपति बल्लभ रस 120 मि.ग्राम समयानुसार प्रयोग कराएं।
आंत्र क्षय के साथ यदि सूजन दुर्बलता तथा दस्त लगे हों तो गो दुग्ध या तक्र के साथ स्वर्णपर्पटी का कल्प दें।
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