एनीमिया क्या है | एनीमिया के लक्षण और आयुर्वेदिक चिकित्सा

शरीर में खून के कम हो जाने पर रोगी का वर्ण पीला हो जाता है इसे ही पांडु या एनीमिया या खून की कमी कहते हैं। इसमें हृदय की अत्यधिक धड़कन, मुख का सुखा होना, पसीना कम आना, शरीर में थकावट आदि होता है।

एनीमिया के लक्षण

  • भोजन को पचाने की शक्ति कम होना
  • भोजन की इच्छा न करना
  • लालास्राव अधिक आना
  • थकावट
  • कमजोरी
  • चक्कर आना
  • चिड़चिड़ापन
  • ठंडे पदार्थों से अरुचि
  • हाथ पैरों में दर्द व ऐंठन शरीर में भारीपन
  • व्यायाम के समय सांस का चढ़ना ये सब एनीमिया के सामान्य लक्षण है।

चिकित्सा

(1) मंडूर भस्म 1-2 ग्राम शहद के साथ दिन में तीन बार लेना चाहिए।

(2) पुनर्नवा मंडूर 500 मि.ग्राम दूध के साथ तीन बार लेना चाहिए।

(3) नवायस लौह 240 मि.ग्राम मधु के साथ दिन में तीन बार दें।

(4) काशीस भस्म 120 मि.ग्राम मधु के साथ दिन में तीन बार दें।

(5) विडंगादि लौह 120 मि.ग्राम दिन में तीन बार दें।

(6) कृमिमुदगर रस 125 मि.ग्राम दिन में तीन बार दें।

(7) प्रवालपिष्टी 120 मि.ग्राम, अमृता सत्व 500 मि.ग्राम दिन में तीन बार दें।

(8) वृहद यकृदरि लौह 120 मि.ग्राम दिन में तीन बार मधु या जल के साथ दें।

(9) आरोग्यवर्धिनी 120 मि.ग्राम दिन में तीन बार मधु या जल के साथ दें।

(10) मधु मंडूर 120 मि.ग्राम दिन में तीन बार मधु के साथ दें।

(11) लोहासव 30 मि.लि., कुमारी आसव 30 मि.लि। रोहितकारिष्ट 30 मि.लि। तीन बार दें।

(12) पुनर्नवा तेल - मालिश के लिए।

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