दस्त से छुटकारा पाने के 7 घरेलु उपाय

इस रोग के कीटाणु दूध में पलते हैं। दूषित दूध द्वारा बच्चों तथा बड़ों दोनों को ही दस्त लग सकते हैं। दूध की बोतल गन्दी रहने से उनमें दूध सड़ जाता है तथा पीने वाले को दस्त लग जाते हैं। इस रोग का दूसरा कारण है, भोजन ठीक प्रकार चबाकर न खाना। भोजन जल्दी या घबराहट में खाने से भी दस्त लग जाते हैं।

दस्त रोग के लक्षण।

  • बार-बार पतले तथा पीले-काले या हरे रंग के दस्तों का आना।
  • पेट दर्द तथा ऐंठन।
  • कभी-कभी दस्तों के साथ खून भी जाता है।

दस्त रोकने का घरेलू इलाज़

1। रोगी को विश्राम करना चाहिए।

2। तरल भोजन देना चाहिए, जैसे अरारोट, मट्ठा।

3। नमक चीनी और पानी का घोल से

4। अनार का जूस से

5। मूंग दाल की खिचड़ी से

6। पके हुए केले, सौंफ, आलू से

7। बेल का शरबत से

नोट:- यदि रोग ठीक होने की जगह बढ़ने लगे तो डॉक्टर का इलाज परम आवश्यक है या अस्पताल ले जाना चाहिए।

दस्त से बचाव के उपाय

  • दूध की बोतलें उबलते पानी में खौलाकर साफ करनी चाहिए तथा दूध उबालकर पीना चाहिए।
  • छोटे बच्चों को यदि बोतल में दूध देते हैं तो हर बार साफ बोतल में ताजा दूध देना चाहिए।
  • मक्खियों से बचने के लिए जालीदार अलमारी का प्रयोग करना चाहिए।
  • कुछ कच्चे फलों से भी बचना चाहिए जो दस्त लगा देते हैं।
  • किसी कृमिनाशक दवा से धोकर हाथ स्वच्छ रखने चाहिए।
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