स्त्री रोग क्या है | स्त्री रोग के कारण, लक्षण, प्रकार और घरेलु इलाज

महिलाओं के शरीर में चूंकि बच्चा पैदा करने के सभी अवयव और यंत्र मौजूद हैं जो समय-समय पर अपने-अपने ढंग से स्वच्छता की आवश्यकता की मांग किया करते हैं। अत: स्त्रियों को अक्सर कुछ सामान्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है जो स्त्री रोग कहलाते हैं। इसकी वजह साफ है कि ये रोग पुरुषों में नहीं होते।

स्त्री रोग के प्रकार

  • आमतौर पर स्त्रियों को रक्त स्राव
  • एनीमिया
  • स्तनों की बीमारियां
  • प्रदर रोग
  • योनि रोग
  • मासिक धर्म संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

प्रदर रोग क्या है?।

प्रदर स्त्रियों में पाया जाने वाला आम रोग है। यह दो प्रकार का होता है,

1। श्वेत प्रदर और 2। रक्त प्रदर।

श्वेत प्रदर जब बिगड़ जाता है तो रक्त भी योनि मार्ग से आने लगता है। इसी को रक्त प्रदर कहते हैं।

आमतौर पर कभी-कभी स्त्रियों को श्वेत पदार्थ जाता है जिसे हम सामान्य अवस्था कहते हैं। परन्तु जब अधिक मात्रा में बार-बार कष्ट के साथ श्वेत पदार्थ निकले और योनि मुख पर जलन और खुजली हो तो यह श्वेत प्रदर की बीमारी है और डॉक्टर की सलाह आवश्यक है। इसमें श्वेत पदार्थ बदबू वाला निकलता है। सामान्य अवस्था में बदबू नहीं आती है।

प्रदर रोग के लक्षण

  • इस रोग में पाचन क्रिया बिगड़ जाती है
  • कब्ज की शिकायत हो जाती है
  • पैरों में खासकर पिंडलियों में दर्द होता है
  • सिर भारी रहता है।

प्रदर रोग के कारण

  • मिर्च मसाले वाले और तैलीय पदार्थ अधिक मात्रा में खाना
  • चाट पकौड़ी का अधिक शौक, चाय, काफी अधिक पीना
  • उत्तेजक और अश्लील साहित्य पढ़ना तथा स्वच्छता न रखना प्रमुख है।

प्रदर रोग में घरेलु इलाज

  • इस रोग में हल्का भोजन लें।
  • फल, हरी सब्जियों का ज्यादा सेवन करें।
  • मिर्च मसाले वाले व गर्म पदार्थ छोड़ दें या इन्हें कुछ दिनों के लिए कम कर दें।
  • इस रोग में आयुर्वेद की (डाबर) लिकोहन नामक औषधि काफी लाभप्रद है।
  • काली फॉस, नेट्रमयूर, कैल्केरिया आदि बायोकेमिक औषधियां भी बहुत फायदेमंद हैं।

रक्तस्राव क्या है?।

शरीर की कमजोर अवस्था में, या किसी अन्य रोग के कारण या फिर अधिक गर्म और मसालेदार पदार्थों का सेवन करने से कभी-कभी रक्तस्राव की बीमारी हो जाती है।

रक्तस्राव के लक्षण।

  • इस रोग में पेडू में दर्द।
  • पेट में ऐंठन।
  • शरीर टूटने लगता है।
  • पिंडलियों में खिंचाव।
  • चक्कर आने लगते हैं।
  • अधिक रक्तस्राव की अवस्था में बेहोशी तक आ जाती है।
  • स्तनों में सूजन आ जाती है।

रक्तस्राव में दवा।

  • इस रोग की सामान्य अवस्था में फैरम फास 6x बहुत गुणकारी है।
  • इसके अलावा नेट्रमयूर, काली फास आदि भी हैं।

एनीमिया क्या है?

इसका मुख्य कारण संतुलित भोजन न करना, मासिक धर्म में रक्त जाना या प्रसवकाल में अक्सर अधिक रक्त निकल जाना तथा बच्चे के निर्माण में रक्त व्यय होना।

एनीमिया के लक्षण

  • इस रोग में बेचैनी बढ़ जाती है
  • रात में नींद नहीं आती।
  • थकावट अधिक महसूस होती है।
  • रक्त फेफड़ों से पूरी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं ले पाता, जिसके कारण शरीर निढाल हो जाता है।
  • स्नायु तंत्रों में खिंचाव बढ़ जाता है।

एनीमिया का उपचार

  • इस रोग का उपचार तुरन्त करने की कोशिश करनी चाहिए।
  • डॉक्टर से जांच कर उचित औषधि लें।
  • फलों में पपीता, चीकू बहुत लाभदायक होते हैं।
  • लौह तत्व वाले खाद्य-पदार्थों का ज्यादा सेवन करें।

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