हैजा रोग क्या है | हैजा रोग के लक्षण और बचाव के उपाय

यह एक भयंकर संक्रामक रोग है जो बहुधा महामारी रूप में फैल जाता है। यह एक जलजन्य रोग है, जो बहुत तेजी से आक्रमण करता है तथा लोगों में फैलता है।

हैजा रोग फैलने के कारण।

  • कीटाणु से
  • रोग संवाहक मक्खी से
  • सड़े फल से
  • रोगी का मल, मूत्र, और उल्टी से।
  • हैजा के जीवाणु बहुत सूक्ष्म कौमा के आकार के होते हैं।
  • इसका संप्राप्ति काल 2 या 3 दिन होता है।
  • यह रोगी के मल-मूत्र, उल्टी के द्वारा फैलते हैं।
  • इसके जीवाणु भोजन तथा जल में अनुकूल ताप तथा सूर्य का प्रकाश पाकर फैलते हैं।
  • इनको फैलाने का काम मुख्यत: मक्खियां करती हैं।

हैजा रोग के लक्षण

1। उल्टी आना।

2। दस्त आना, जिसका रंग चावल के जैसा सफेद तथा पतला होता है।

3। प्यास अधिक लगती है तथा पेशाब बन्द हो जाता है। क्योंकि शरीर में जल की मात्रा कम होने लगती है तथा डी-हाई-ड्रेशन शुरू हो जाता है।

4। कमजोरी तथा बदन में दर्द व अकड़न

5। शरीर ठंडा होने लगता है।

हैजा रोग में घरेलु उपचार

1। रोग की आशंका होते ही डॉक्टर को बुलवाना चाहिए।

2। रोगी को लिटा देना चाहिए।

3। केवल चावल का पानी या अण्डे की सफेदी फेंटकर देनी चाहिए।

4। पेट पर हल्का सेंक करना चाहिए।

5। पीने को परमैगनेट का हल्का घोल थोड़ा-थोड़ा देना चाहिए।

6। आधा किलो उबले पानी में 120 ग्रेन नमक डालकर घोल तैयार किया जाता है। इसका टीका हाथ या पांव की नस में डॉक्टर से लगवाना चाहिए।

हैजा रोग से बचाव के उपाय

1।

हैजे के रोगी तथा जिनको छूत लग चुकी हो उन्हें अन्य व्यक्तियों से अलग कर देना चाहिए।

2। सब व्यक्तियों को हैजे का टीका अनिवार्य रूप से लगवा देना चाहिए। क्योंकि इसका असर चार मास तक रहता है।

3। रोगी की सब वस्तुओं को या तो जला देना चाहिए या पूरी तरह विसंक्रमित कर देना चाहिए।

4। समस्त जल साधनों को ब्लीचिंग पाउडर से विसंक्रमित कर देना चाहिए।

5। सड़ी-गली तथा बासी खाने-पीने की वस्तुओं को नहीं खाना चाहिए।

6। मक्खियों को नष्ट करना चाहिए।

7। रोगियों को सार्वजनिक स्थानों में नहीं जाने देना चाहिए, बल्कि विशेष अस्पतालों में रखना चाहिए।

8। पेट की खराबी का तुरन्त इलाज करना चाहिए। हैजे के दिनों में दस्त की दवा नहीं लेनी चाहिए।

9। दूध या पानी उबालकर पीना चाहिए।

10। खाद्य पदार्थों को मक्खियों से बचाकर रखना चाहिए तथा बाजारी मिठाइयां, कटे हुए फल या सब्जियां नहीं खानी चाहिए।

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