काकजंघा के फायदे एवं काकजंघा का उपयोग | kakajangha ke fayde

काकजंघा को संस्कृत में ‘काकजंघा', 'नंदीकांता' कहते हैं। इसके पौधे ऊँचे-नीचे टीलों पर होते हैं। जंगलों के भीतर भी ये पाए जाते हैं। जलीय क्षेत्र के निकट गीली भूमि पर ये प्रायः पाए जाते हैं। इसकी आकृति कौए की जांघ जैसी होती है। इसीलिए इसे 'काकजंघा' कहते हैं। इसकी जड़ विशेष रूप से औषधि में काम आती है।

काकजंघा के रोगोपचार में फायदे

काकजंघा स्वाद में कड़वी और कसैली होती है। इसकी तासीर ठंडी होती है। पित्त, रक्त विकार, खाज-खुजली और विष को नष्ट करने वाली यह जड़ी है। यह कीटनाशक होता है।

1. वायु विकार में काकजंघा के फायदे

काकजंघा की जड़ को कूटकर उसका रस निकाल लें और छान लें। इसके 10 ग्राम रस में जरा-सा देसी घी मिलाकर पीने से सभी प्रकार के वायु विकारों का शमन हो जाता है।

2. टूटी हड्डी में काकजंघा के फायदे

काकजंघा के 10 ग्राम रस में काली मिर्च के 8 दाने पीसकर चालीस दिन तक रोज सेवन करें। टूटी हड्डी जुड़ जाएगी, अधिक उम्र वालों की हड्डी जुड़ने में ज्यादा समय लगता है।, किन्तु जो हड्डी दो तीन टुकड़ों में टूटकर अलग-अलग हो गई हो, उसका जुड़ना मुश्किल है। उसके लिए योग्य हड्डी चिकित्सक से ही उपचार कराना चाहिए।

3. कान दर्द, बहरापन में काकजंघा के फायदे

काकजंघा की जड़ को कूटकर उसके रस की 2-3 बूंदें कान में डालने से कान के कीड़े मर जाते हैं और दर्द समाप्त हो जाता है। नियमित रूप से इसका प्रयोग करने से ‘बहरापन' भी दूर हो जाता है।

4. चर्म रोग में काकजंघा के फायदे

काकजंघा के रस की मालिश करने से त्वचा चिकनी और रोग रहित हो जाती है। खाज-खुजली मिट जाती है।

5. एलर्जी में काकजंघा के फायदे

किसी भी प्रकार की एलर्जी होने पर काकजंघा के 10 ग्राम रस को पानी या शहद के साथ दिन में दो बार सेवन करें। 'एजर्नी' खत्म हो जाएगी।

6. नींद न आने पर काकजंघा के फायदे

काकजंघा की जड़ को कूटकर सिर पर बाँध लें। गहरी नींद आएगी। इससे नशा-सा हो जाता है।

7. रक्त विकार में काकजंघा के फायदे

काकजंघा की जड़ को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बना ले और छानकर ठंडा कर लें। उस काढ़े का एक-एक चम्मच रस नित्य पानी के साथ दिन में दो बार अवश्य लें। इससे रक्त विकार नष्ट हो जाता है और रक्त शुद्ध हो जाता है तथा 'पित्त-विकार' आदि की शिकायत भी नहीं रहती।

8. विष उतारने में काकजंघा के फायदे

किसी विषधारी कीड़े, साँप, बिच्छु आदि के काट लेने पर तत्काल लोहे के चाकू से काकजंघा के पिसे हुए लेप को कटे हुए स्थान पर लगा दें। यह विष को खींच लेगा।

9. स्त्री वशीकरण में काकजंघा के फायदे

काकजंघा की जड़, तगर केसर और मैनशिल का समभाग लेकर, तीनों का चूर्ण बना लें। उस चूर्ण की चुटकी जिस स्त्री के सिर पर डाली जाएगी, वह वश में हो जाती है। इसे तंत्र-शास्त्र में उत्तम वशीकरण कहा गया है।

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