लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) क्या है | लो ब्लड प्रेशर के लक्षण और घरेलु चिकित्सा

इसमें सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर नब्बे से कम हो जाता है। यह दुर्बलता, उपवास रखने से, इन्फ्लुएंजा, यक्ष्मा, प्रमेह, रक्त के बहने आदि के कारण होता है। भोजन व जल की कमी, मानसिक आघात चिंता आदि में होता है।

लो ब्लड प्रेशर के लक्षण

  • खडे होने पर चक्कर आना,
  • दुर्बलता, नाड़ी की दुर्बलता
  • मेहनत से जी चुराना,
  • बैठने पर नाड़ी तेज एवं लेटने पर मंद रहती है।
  • रक्त की कमी से पीलिया आदि होते हैं।

लो ब्लड प्रेशर को दूर करने के उपाय।

  • सुपाच्य पौष्टिक, खाद्य-पेय
  • ताजे फल
  • तेल मालिश
  • गरमजल से स्नान
  • स्वच्छ स्थान में निवास
  • स्थान परिवर्तन
  • पौष्टिक औषधियां
  • विटामिनों का सेवन
  • रोगी को चिंतामुक्त एवं प्रसन्न रखें।

चिकित्सा

1। मकर ध्वज 120 मि.ग्राम, मुलेठी चुर्ण एक ग्राम प्रातः सायं शहद के साथ दें।

2।

शुद्ध शिलाजीत 500 मि.ग्राम दूध के साथ दो बार दें।

3। च्यवनप्राश 15 ग्राम प्रवालपिष्टी 240 मि। ग्राम दूध से दो बार दें।

4। मृतसंजीवनी सुरा 10 मि.लि। द्राक्षारिष्ट 20 मि.लि। बराबर जल मिलाकर भोजन के बाद दें।

5। जेरिफोर्ट टेब, द्राक्षावलेह, मोनिकावलेह दूध के साथ दें।

6। अश्वगंधारिष्ट 15-30 मि.लि., समभाग जल मिलाकर भोजन के बाद दो बार दें।

गेहूं, मूंग, अंकुरित दालें, पालक, मेथी, बथुआ, अजवायन, अदरक, लौकी तुलसीदल, तोरई, कद्दू, टिंडा, करेला, नींबू, अंगूर, मौसमी, पपीता, अनार, अनानास, अर्जुन छाल, सोयाबीन का तेल, चीनी, गुड़, शहद आदि का प्रयोग करें।

नमक, तले एवं डिब्बाबंद पदार्थ, घी, मांस, मछली, मैदा, बेसन से तले पदार्थ, गरिष्ट भोजन, शराब, अचार, धूम्रपान आदि असेवनीय हैं।

(और पढ़े: पीलिया क्या है)

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