बालों को काला और घना बनाने का तेल | तेल बनाने के घरेलु उपाय

केश नारी सौंदर्य में चार चाँद लगा देते हैं। काले और चमकीले केश अनायास ही किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। आज हमारी कितनी बहनें ऐसी हैं जो अपने केशों की सुरक्षा और सुन्दरता के लिए विशेष रूप से जागरूक है। केशों में तेल लगाना नेत्रों के लिए विशेष गुणकारी है। तेल से केश मुलायम और चमकीले रहते हैं तथा दिमाग की शक्ति बढ़ती है।

सिर-दर्द नहीं होता। मन प्रसन्न रहता है। तेल सिर को गंजा और केशों को सफेद होने से रोकता है। बालों की जड़ें मजबूत होकर बाल काले हो जाते हैं और निद्रा गहरी और सुखपूर्वक आने लगती है।

तेल बनाने के घरेलु उपाय

1। सामान-

आंवले का रस 1 सेर, ब्राह्मी 4 तोला, इलायची 1 तोला, नागरमोथा 1 तोला, कपूर काचरी 1 तोला, अगर 1 तोला, बाल छड़ 1 तोला, खस 2 तोला, चन्दन 2 तोला।

बनाने की विधि-

ताजे आंवलों के अभाव में एक सेर सूखे आंवले लेकर चार सेर जल में चारपांच दिन तक भिगोएं। इसके पश्चात् उबालें और जब आधा जल शेष रह जाये तब जल को छान कर स्वच्छ बर्तन में रख लें। अन्य सभी औषधियों को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें।

एक सेर धोई तिल्ली अथवा नारियल का स्वच्छ तेल ले कर कड़ाही में गर्म करें। तेल गर्म हो जाने पर सभी पिसीकुटी औषधियों में थोड़ा स्वच्छ जल डाल कर मिला लें और थोड़ी-थोड़ी औषधि तेल में डालती जायें। औषधियों के तेल में अच्छी प्रकार भुन जाने पर कड़ाही में ऊपर से धीरे-धीरे आंवले के रस को छोड़ दें। तेल को उस समय तक पकायें जब तक कि तेल का जल का भाग जल न जाये। जब केवल तेल शेष रह जाये तब उसे ठंडा कर के बारीक स्वच्छ कपड़े में छान कर बोतलों में भर लें।

यह तेल केशों की रूक्षता, केशों के टूटने और सफेद होने से बचाने की गुणकारी औषधि है, लेकिन तेल का नियमित रूप से प्रयोग किया जाये। लाल चन्दन का तेल बनाते समय आंवले और ब्राह्मी को छोड़ कर शेष सभी औषधियां ऊपर लिखे अनुसार लें केवल दो तोले के बजाय 1 छटांक लें। एक तोला चम्पवती और एक तोला छड़ीला और मिला दें। एक सेर तेल में एक सेर जल डालकर उपर्युक्त विधि से ही तेल तैयार करें।

यह चन्दन का लाल सुगन्धित तेल बन जाएगा। दिमागी तरावट के लिए और केशों को मुलायम और चमकीले रखने में लाल चन्दन का तेल बहुत उत्तम माना गया है।

2। सामान-

सफेद धुली तिल्ली का तेल 1 सेर, कपूर 1 तोला, इलायची का सत 1 तोला।

बनाने की विधि:-

एक स्वच्छ शीशी में तेल डालकर शेष दोनों औषधियों को शीशी में डालकर भली प्रकार मिला दें। लगभग एक सप्ताह तक शीशी को बन्द कर के धूप में छोड़े। इस तेल से बाल बढ़ने के साथ-साथ सिर दर्द, आंखों से पानी गिरना तथा दिमागी कमजोरी दूर होती है।

मस्तिष्क की पुष्टि और केशों को सुदृढ़ बनाने के लिए विटामिन 'ए' विशेष लाभदायक है। इसलिए बादाम का उपयोग अधिक फायदेमन्द है।

यदि आपके केश उड़ गये हों तो इस औषधि का इस्तेमाल करे।

हाथीदांत का बुरादा 2 छटांक, रसौत 1 छटांक।

बुरादे को जला लें। रसौत में एक छटांक पानी और जले बुरादे को डालकर अच्छी तरह घोटें और मरहम-सा बनाकर रख लें। सिर के जिस स्थान के केश उड़ गये हों उसको थोड़े गर्म पानी से रगड़ कर धोयें और रात्रि को सोते समय मरहम लगाकर पट्टी बांध दें, जिससे कि आपके वस्त्र खराब न हों लगभग एक मास तक औषधि का प्रलेप करने से उड़े हुए बाल पुनः आ जाते हैं।

  • दही और बेसन मिलाकर केशों को धोने से केश स्वच्छ और मुलायम बने रहते हैं।
  • सूखे आंवलों को रात्रि में भिगोकर प्रात: उनसे मलकर सिर धोने से केश चमकीले एवं मुलायम होते हैं और मस्तिष्क शीतल रहता है।
  • आंवले का चूर्ण नींबू के रस में मिलाकर लगाने से केश काले, कोमल और मजबूत होते हैं।
  • यदि केशों में फ्यास (सीकरी) हो जाये तो एक छटांक बेरी के पत्तों को एक सेर जल में उबालें।

    तीन पाव जल रहने पर गुनगुने जल से रगड़ कर सिर को लगभग एक सप्ताह तक धोना चाहिए।

अपने केशों को सुन्दर और मनमोहक बनाते समय यह अनुभव करती रहिए कि आपके केश दिन प्रतिदिन लम्बे और चमकीले होते जा रहे हैं। आपकी यह मानसिक धारणा सौ फीसदी आपके केशों को आपके मनपसन्द बना देगी। इसमें कोई सन्देह नहीं।

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