ऑपरेशन द्वारा हर्निया रोग का इलाज।

हर्निया होने पर उसका एकमात्र सफल और कारगर उपाय ऑपरेशन ही है। हर्निया के उपचार के लिए कई तरह के ऑपरेशन किया जाते हैं। इसके ऑपरेशन के बाद रोगी को पूरी तरह ठीक होने में 1 से 2 महीने का समय लग सकता है।

हर्निया रोग में सुझाव

1। कैंसर की शल्य चिकित्सा की अपेक्षा, हर्निया की शल्य चिकित्सा और तत्सम्बन्धी रोकथाम पर ध्यान देकर एक शल्य चिकित्सक, समाज की अधिक सेवा कर सकता है।

2। शल्य क्रिया से सम्बन्ध रखने वाली जितनी भी बीमारीयां संभव हैं, उनमें से हर्निया की शल्य-क्रिया में, शरीर-रचना विज्ञान के ज्ञान के साथ, शल्य क्रिया की बारी की, सबसे अधिक अपेक्षा की जाती है।

3। यह एक बार कहा गया है कि शल्य-क्रिया वस्तुतः पत्तों का मामला है, यदि यह सरलीकरण कुछ भी सत्य है, तो केवल हर्निया के विषय में।

4।

हर्निया की शल्य-क्रिया एक कुशल डॉक्टर के हाथ में सर्वोत्तम चिकित्सा मानी जाती है। शल्य क्रिया करने में आय का विचार नहीं किया जाता। बच्चों और बूढ़ों दोनों की शल्य क्रिया एक सफल चिकित्सा है। शल्योपचार विभाग में इस रोग की शल्य क्रिया सबसे संतोषप्रद व सफल मानी जाती हैं।

हर्निया रोग में आपरेशन का प्रकार

हर्निया रोग में 3 प्रकार से आपरेशन होते हैं।

(1) हर्नियो टामी। (2) हर्नियो रैफी। (3) हर्नियो प्लास्टी।

हर्निया के रोगी की भली भांति जांच करके ऑपरेशन के लिए तैयार किया जाता है। आपरेशन की मेज पर लिटाकर परिस्थिति विशेष के अनुसार, निश्चेतन औषधियों द्वारा हर्निया की जगह पर चीरा लगाकर, तह पर तह देखते हुए हर्निया की थैली को ढूंढा जाता है।

हर्निया की थैली की बाह्य सफाई करके उसे खोल कर देखा जाता है कि अन्दर क्या चीजें हैं। उन चीजों को उनके वास्तविक स्थान पर करके, थैली को मरोड़कर बांध देने के बाद काटकर अलग कर देते हैं। इसलिए हर्निगेटामी हर मामले में की जाती है।

अब हर्निया के क्षेत्र का भली भांति अवलोकन करके शल्य-चिकित्सक यह निर्णय करता है कि स्थानीय तन्तुओं से ही पुनर्निर्माण हो जायेगा अथवा बाहरी चीज से। स्थानीय तन्तुओं को टांकों द्वारा कस दिया जाता है और तनाव नहीं रहने दिया जाता।

यदि हर्निया के क्षेत्र में काफी गड़बड़ी है और स्थानीय तंतुओं से पुनर्निर्माण नहीं हो सकता है, तो जांघ से चमड़ी का उतना ही बड़ा टुकड़ा लेकर (स्क्रिन ग्राफ्ट) हर्निया के कमजोर हुए क्षेत्र में रखकर देते हैं। शल्य चिकित्सक सिल्क की मच्छरदानी के कपड़े में से एक तिकोना टुकड़ा लेकर, उसी के अनुरूप मशीन पर सिलकर बना लेते हैं और उसे कमजोर हुए क्षेत्र में रख कर, तन्तुओं से मिलाकर कमजोर क्षेत्र को मजबूत कर देते हैं।

इसलिए यह स्पष्ट है कि परिस्थिति विशेष के अनुसार ही हर्निया का आपरेशन निर्धारित किया जाता है।

हर्निया के ठीक हो जाने से, न सिर्फ आम स्वास्थ्य ही सुधरता है, बल्कि सरदर्द, घबराहट और अन्य तकलीफें भी हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं। कार्य क्षमता संतुलित करने के लिए रोगी का बहुत जल्द आपरेशन करना आवश्यक है।

ऑपरेशन के बाद रखे अपना खयाल

  • सर्जरी के बाद हल्के भोजन से खाने की शुरूआत करें। जैसे उबले चावल, कम मसालेदार दाल सब्जी।
  • एल्कोहल का सेवन करने से परहेज करें।
  • कब्ज से बचने के लिए फल सब्जियां और छिलके युक्त अनाज खाएं।
  • रोजाना कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीएं।
  • भारी समान उठाने से परहेज करें।
  • खांसी लगी है तो तुरंत इलाज करवाएं
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