डेंगू के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको डेंगू से जुड़ी सभी जानकारियों जैसे- डेंगू क्या होता है, डेंगू के लक्षण एवं कारण जैसी हर जानकारी से अवगत कराना चाहते हैं ताकि आप इस बीमारी से खुद को एवं अपने बच्चों को बचा सकें।
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डेंगू क्या है? - What is Dengue in Hindi?
डेंगू एक अत्यन्त ही गम्भीर, जानलेवा एवं भयानक बीमारी है, जो अर्बो वायरस के कारण फैलता है। यह वायरस ऐडेज प्रजाति के मच्छरों से फैलता है, जिसमे ऐडेज एजीप्टी, ऐडेज एल्ब्रोपिक्ट्स मुख्य रूप से डेंगू रोग फैलाते हैं। इसमें बहुत तेज बुखार आता है जिससे शरीर का जोड़-जोड़ तक दर्द करने लगता है, इसलिए भारत में इसे ‘‘हड्डी तोड़ बुखार'' भी कहा जाता है।
डेंगू एक संक्रामक रोग है, यह रोग बड़ी तेजी से फैलता है और लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। इस बीमारी में लोगों को डेंगू रक्तस्रावी ज्वर हो जाता है जो कि डेंगू की गम्भीर स्थिति है जो वर्तमान समय में डेंगू भारत में भी फैला हुआ है।
बरसात के मौसम में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, जो कभी-कभी यह महामारी का रूप धारण कर लेता है। डेंगू सभी उम्र की स्त्रियों एवं पुरुषों में बच्चों में, वयस्कों की अपेक्षा कम होता है।
डेंगू के प्रकार - Types Of Dengue in Hindi
डेंगू तीन प्रकार के होते है:-
1. डेंगू ज्वर
2. डेंगू रक्त स्रावी ज्वर
3. डेंगू शॉक सिन्ड्रोम
डेंगू का प्रसार - Spread of Dengue
डेंगू का प्रसार निम्नलिखित प्रकार से होता है:-
- यह एक से अधिक डेंगू वायरस के संक्रमण से फैलता है
- डेंगू प्रमुख रूप से ऐडेज एजेप्टी मच्छर के काटने से फैलता है
- गंदे या जमे हुए बरसात के पानी में पैदा हुए मच्छरों से
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आस-पास गंदगी फ़ैलाने से
डेंगू के लक्षण - Symptoms of Dengue in Hindi
डेंगू के लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं:-
- ठंड के साथ तेज बुखार आता है।
- सिर दर्द, बदन दर्द, पेशियों एवं अस्थि संधियों में तीव्र पीड़ा होने लगती है।
- चक्कर आना, कब्ज, स्वाद में परिवर्तन आ जाता है।
- गले में खराश रहती है।
- 103-105° F. तक बुखार होना।
- बहुत अधिक कमजोरी होना।
- रोगी का चेहरा लाल दिखता है ।
- पेट में दर्द तथा अधिजठरीय परेशानी होना।
- रक्त वाहिनियों में रक्त का बहाव रूक जाता है।
- रक्त दाब काफी कम हो जाता है।
- त्वचा चिपचिपि हो जाती है।
- रोगी को छटपटाहट होने लगती है।
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डेंगू से बचाव - Prevention From Dengue in Hindi
डेंगू से बचाव के उपाय निम्नलिखित हैं:-
- डेंगू प्रमुख रूप से ऐडेज एजेप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, अत: इस रोग से बचाव का पहला एवं प्रमुख उपाय है कि मच्छरों को पलने, बढ़ने एवं पनपने से रोका जाए।
- मच्छर जहाँ कहीं भी अंडे देते हैं उन स्थानों को पूरी तरह से विसंक्रमित कर देना चाहिए ताकि अंडे एवं लार्वा मर जाएँ।
- घर के कोने-कोने की सफाई की जानी चाहिए।
- मच्छरों से बचाव हेतु मच्छरदानी, मच्छर मार दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए।
- हाथ-पैरों में सरसों का तेल या मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाकर सोना चाहिए।
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जन-जन में डेंगू के बारे में चेतना एवं जागृति उत्पन्न करनी चाहिए।
डेंगू का उपचार - Treatment of Dengue
नीचे दिए कुछ तरीकों से हम डेंगू का उपचार करसकते हैं:-
- रोगी को बिस्तर पर पूर्ण आराम दिया जाना चाहिए।
- बुखार उतरने की दवा दी जानी चाहिए ताकि बुखार उतर जाए।
- बुखार कम करने के लिए रोगी के सिर, हाथ, पैर, छाती, पीठ आदि को ठंडे पानी में तौलिया भिगोकर पोंछना चाहिए।
- रोगी को दाल का पानी, फलों का रस, सूप आदि तरल आहार पर्याप्त मात्रा में देना चाहिए।
- डायरिया, वमन आदि की स्थिति में ORS या नमक चीनी का घोल पिलाना चाहिए।
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रोग की तीव्रता की स्थिति में रोगी को तुरन्त अस्पताल पहुँचाना चाहिए और इलाज शुरू कर देना चाहिए।
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