डेंगू बुखार अमीर हो या गरीब, रंक हो या वजीर, डेंगू किसी से भेदभाव नहीं करता और हर एक को गले लगाने के लिए तत्पर रहता है।
अपनी आदतों में सुधार लाना हमें बहुत मुश्किल लगता है। जब बीमारी फैलती है तो हम दहल जाते हैं और उसी समय हमें याद आता है कि घर और आस-पड़ोस में सफाई रखनी जरूरी है तथा फिर काफी कोशिश और भाग-दौड़ शुरू हो जाती है । परंतु बीमारी पर थोड़ा-सा कंट्रोल होते ही हम फिर लापरवाह हो जाते हैं।
डेंगू फ्लू जैसी एक बीमारी है और यह एडिज़ नामक मादा मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू लिए मादा मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है तो उसे यह रोग हो जाता है। इस पोस्ट मे हम आपको डेंगू के लक्षण, डेंगू के कारण, डेंगू तथा मलेरिया मे अंतर, डेंगू का इलाज, डेंगू से बचाव और डेंगू होने पर क्या खाये बताएँगे।
दिये गए लक्षणों के द्वारा ही किसी व्यक्ति को डेंगू का मरीज नहीं समझना चाहिए। बुखार ज्यादा होने से मरीज को तुरंत किसी अस्पताल में ले जाकर टैस्ट करवाना चाहिए। डेंगू बुखार में खून के प्लेटलेट्स घट जाते हैं।
डेंगू बुखार जानलेवा भी हो सकता है। कुछ लोगों में डी.एच.एफ (Dengue Hemorrhagic Fever) या डी.एस.एस। (Dengue Shock Syndrome) हो सकता है। परंतु समय पर सही इलाज करवाने से व्यक्ति को मृत्यु के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है। डेंगू के लक्षण है जैसे-
चमड़ी पर दाने निकल आते हैं। मुंह, गले और छाती पर जब यह दाने निकलते हैं तो वह जगह लाल हो जाती है। परंतु ज्यादातर दानें टांगों, बाजू और हाथों पर ही निकलते हैं।
डेंगू गंदगी द्वारा होने वाला एक रोग है। गंदगी द्वारा तो हर तरह की बीमारी फैल सकती हैं परंतु डेंगू गंदे वातावरण में कुछ ज्यादा खुश होता है।
डेंगू एक विशेष तरह के मादा मच्छर एडीस के काटने से होता है। यह साफ पानी में रहता है। यह मच्छर, और मच्छरों से अलग होता है। इस मच्छर को साधारण व्यक्ति भी आसानी से पहचान सकता है। इस मच्छर के बदन तथा टांगों में सफेद रंग के धब्बे होते हैं। इसलिए इसको टाइगर मच्छर भी कहा जाता है।
यह मच्छर साफ रुके हुए पानी में पैदा होता है और इसके काटने से ही डेंगू रोग फैलता है। यह रोग मरीज के पास बैठने या छूने से नहीं होता। यह मच्छर दिन में ही काटता है।
डेंगू भी मलेरिया की तरह मच्छर के काटने से ही होता है और मलेरिया की तरह इसमें भी काफी तेज बुखार होता है। परंतु डेंगू नीचे लिखे लक्षणों के द्वारा मलेरिया से अलग होता है।
डेंगू एक वायरल रोग है। डेंगू का इलाज के लिए कोई विशेष दवाई नहीं है। बुखार कम करने के लिए मरीज को पैरासिटामोल दी जा सकती है। पंरतु कभी भूलकर भी दर्द निवारक दवाइयां जैसे कि ऐस्परीन, निमोसुलाइड, आईबुपरोफेन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इनके सेवन से शरीर में से खून बहना बढ़ सकता है। इस तरह की ऐनसेडस (NSAIDS) यानी नाम-स्टिराइडल ऐंटी-इनफ्लामेटरी ड्रग्स के सेवन से शरीर का तापमान एकदम कम हो जाता है क्योंकि ये काफी तेज होती हैं। इस अवस्था को हाईपोथरमिया कहते हैं और इस तरह एकदम तापमान कम होना शरीर के लिए नुकसानदेय हो सकता है।
डेंगू से बचाव के तरीके है-
डेंगू होने पर क्या खाये और क्या न खाये ये ये बाते व्यक्ति के दिमाग मे जरूर आती है लेकिन मरीज की भूख डेंगू होने पर मर जाती है और उसका कुछ भी खाने को दिल नहीं करता। परंतु फिर भी उसको खाने के लिए कुछ न कुछ देना जरूरी है। आप नीचे लिखी चीजें दे सकते हैं
तुलसी, अदरक और बड़ी इलायची वाली चाय पिलाई जा सकती है।
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