डायटिंग क्या है, डायटिंग कैसे करें | डायटिंग करने से लाभ, नुकसान

मनुष्य भी अजीब प्राणी है। पहले बिना ज़रूरत खाकर मोटा हो जाता है और बाद में मोटापा घटाने के लिए डायटिंग शुरू कर देता है। विशेष तौर पर लड़कियां तथा औरतों में डायटिंग करने का रुझान कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा है। यह बात हमें गांठ बांध लेनी चाहिए कि जैसे मोटापा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, उसी तरह डायटिंग करने या व्रत रखने से शरीर को लाभ होने की बजाय हानि ही होती है क्योंकि हम सही तरीके से डायटिंग नहीं करते है।

डायटिंग क्या है? | Dieting Kya Hai

आजकल तो अखबारों, मैगज़ीनों तथा टी.वी। पर पतले होने के जोरों से विज्ञापन होते हैं। एक सप्ताह में 5 किलो वज़न घटाएं और उसके साथ ही किसी आदमी या औरत की फोटो छपी होती है जो यह दर्शाती है कि उस स्लीमिंग सेंटर में आने से या एक विशेष दवाई का सेवन करने से उस औरत या आदमी का वज़न कम हो गया है। या वहां आने से पहले उनकी कमर इतनी मोटी थी और वहां आने से इतने इंच कमर पतली हो गई। यह सब तो लोगों को बेवकूफ बनाने के तरीके हैं। हम सभी जानते हैं कि ज्यादा खाने और कम शारीरिक काम करने से ही शारीरिक वज़न में बढ़ोतरी होती है,

यद्यपि हम यह कभी भी नहीं मानेंगे कि हम ज़रूरत से ज्यादा खाते हैं। लेकिन यह तो एक सच्चाई है कि मोटापा ज़रूरत से ज्यादा खाने से होता है। इसलिए खाने-पीने पर सही ढंग से कंट्रोल करके ही वज़न घटाना चाहिए। वैज्ञानिक ढंग से डायटिंग करके एक सप्ताह में 500 ग्राम या एक महीने में दो किलो से ज्यादा वज़न नहीं घटाना चाहिए। यह बात भी याद रखनी ज़रूरी है कि यदि आप डायटिंग द्वारा अपना वज़न घटा भी लें तो भी बाद में लापरवाह होने से और सही डायटिंग बंद करने के बाद दोबारा आपका वज़न बढ़ने लगेगा।

डायटिंग कैसे करें? | Dieting Kaise Kare

यदि आप फास्टिंग करना चाहते हैं तो पहले शरीर को उसके लिए तैयार कर लें। न तो एकदम व्रत रखना शुरू कर दें और न ही व्रत समाप्त होने के बाद एकदम डटकर खाना शुरू कर दें। मान लो आप सोमवार को व्रत रखना चाहते हैं तो शनिवार तथा रविवार को यानी दो दिन पहले ही हल्का खाना शुरू कर देना चाहिए जैसे कि खिचड़ी, दलिया, सूप और कुछ सब्जियां आदि। अधिक फैट यानी चिकनाई वाली तथा प्रोटीन वाली खुराक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस प्रकार आपका शरीर फास्टिंग के लिए तैयार हो जाएगा।

तब फिर यदि फास्ट यानी व्रत या फाका पूरा हो जाए तो फल, जूस या सलाद का सेवन करना चाहिए। तुरंत परांठे या ज्यादा प्रोटीन वाली वस्तुएं नहीं खानी चाहिए। इसके अगले दिन भी थोड़ी-सी खिचड़ी, अंकुरित दालें, सलाद, दलिया आदि का सेवन करना चाहिए। प्रतिदिन खाए जाने वाले आपके मनपसन्द भोजन का सेवन भी अभी नहीं करना चाहिए। इस प्रकार का भोजन तो आप तीसरे दिन ही कर सकते हैं। हमारे शरीर को भी हमारी तरह खाने-पीने की आदतें पड़ी होती हैं जैसे कि सुबह ब्रेकफास्ट करना या शाम को चाय के साथ बिस्कुट या भुजिया खाना। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो विदडराल (withdrawl) लक्षण पैदा होने लग जाते हैं जैसे सिर भारी लगना, सिर चकराना तथा चिड़चिड़ाहट होने लगती है।

परन्तु इन लक्षणों से घबराना नहीं चाहिए। यदि सचमुच ही फास्टिंग करनी है तो उसको सही तरीके से करना चाहिए ताकि शारीरिक वज़न भी कम हो सके और शरीर को भी लाभ प्राप्त हो। सही ढंग से फास्टिंग करने से आप अपने आपमें ज्यादा स्फूर्ति पाएंगे, आपको गहरी नींद आएगी, आप हल्के और चुस्त-दुरुस्त महसूस करेंगे, आपका काम में भी मन लगेगा और कुछ नया करने के लिए भी उत्साह पैदा होगा। फास्टिंग के समय यदि आपको भूखा रहना मुश्किल लगे तो आप ज्यादा पानी पी सकते हैं। आप चाहें तो एक गिलास में थोड़ा-सा ग्लूकोज़ या आधा चम्मच चीनी और थोड़ा-सा नमक डालकर नींबू भी निचोड़ सकते हैं। इस प्रकार आपके शरीर को कुछ ताकत भी मिल जाएगी और सिस्टम को शुद्ध करने में मदद भी मिलेगी।

डायटिंग किसे नहीं करनी चाहिए? | Dieting Kise Nahi Karni Chahiye

इसमें कोई शक नहीं कि सही ढंग से की हुई डायटिंग से प्रत्येक को लाभ होता है। परन्तु फिर भी हर व्यक्ति को डायटिंग नहीं करनी चाहिए। नीचे लिखे व्यक्तियों को न तो डायटिंग करनी चाहिए और न ही व्रत आदि रखने चाहिए।

  • जिनका शारीरिक वज़न बहुत ही कम हो।
  • जो लो-ब्लड प्रेशर के रोगी हों।
  • जिनको टी.वी. हुई हो।
  • जिनके पेट में फोटा यानी (Peptic ulcer) हो।
  • जिनको दिल का रोग हो।
  • जिनको कैंसर हुआ हो।
  • उपरोक्त बताए रोगों के मरीजों को डायटिंग करके या भूखे रहकर अपने शरीर को मुसीबत में नहीं डालना चाहिए।

    डायटिंग से समय शरीर में क्या होता है? | Dieting Se Samay Sharir Me Kya Hota Hai

    हमारी पाचन प्रणाली (digestive system) भी एक मशीन की तरह है। जब आप व्रत रखते हैं तो आपको तो पता ही है कि आप अपनी मर्जी से कर रहे हैं परन्तु आपका शरीर ऐसा नहीं समझता। इसलिए यह दो अनुचित (irrational) तरीकों से काम करता है जब हम खुराक में कैलोरियों की कम मात्रा लेते हैं तो यह भी उसके अनुसार शरीर में गैर ज़रूरी क्रियाओं को धीरे (slow) कर देता है। इसीलिए व्रत रखने या भूखे रहने से आप कमज़ोरी और चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं इसके अलावा सिरदर्द, बेचैनी के साथ दिल मिचलाने लगता है।

    डायटिंग करने से लाभ | Dieting Karne Se Labh

    जब व्रत समाप्त हो जाता है तब पाचन-तंत्र ऐसे समझता है जैसे शरीर में सूखे (drought) जैसे हालात बन गए हों। इसी डर के कारण कि कहीं भविष्य में भी ऐसे हालात न बन जाएं, शरीर पौष्टिक तत्त्वों को स्टोर करने लग जाता है तथा इस प्रकार वज़न बढ़ने की शंका रहती है शरीर द्वारा अपनाये गए ऐसे सुरक्षित तरीके करने से, आप डायटिंग या व्रत रखने से आपने इतना वज़न कम नहीं किया होता जितना कि शरीर इस प्रकार के सुरक्षित तरीकों द्वारा बढ़ जाता है। इसलिए अपने शरीर पर तरस खाएं तथा भूलकर भी इस प्रकार के व्रत न रखें या फास्टिंग न करें। इस प्रकार फास्टिंग करके जितना वजन आप घटाएंगे वह फास्टिंग करने के बाद खुराक लेने से और भी ज्यादा हो जाएगा। फास्टिंग को तो एक शोधक ढंग (cleaning device) के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

    डायटिंग करने से नुकसान | Dieting Karne Se Nuksan

  • फास्टिंग वाले दिन ज्यादा शारीरिक काम नहीं करना चाहिए।
  • कभी भी व्रत रखकर अपने आप पर जुल्म मत करें। इस तरह वज़न घटाने की उम्मीद में आप शरीर को कोई और रोग लगा लेंगे।
  • तली हुई चीजें, जैसे कि परांठे, आलू की टिक्कियां, पकौड़े आदि के सेवन से परहेज़ करना चाहिए।
  • ज्यादा मीठे और ज्यादा चिकनाई वाले पदार्थों का कम-से-कम सेवन करना चाहिए।
  • व्यर्थ में व्यायाम करके 8-10 दिनों में अपना भार घटाने के लिए शरीर को कष्ट नहीं देना चाहिए। सही तरीके से डायटिंग करके एक सप्ताह में 500 ग्राम से ज्यादा वज़न नहीं घटाना चाहिए।
  • थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल के बाद अपना वज़न नहीं तोलते रहना चाहिए। इतनी जल्दी वज़न तो नहीं घटेगा परन्तु आप व्यर्थ में सोच-सोचकर वज़न क्यों नहीं घट रहा, परेशान हो जाएंगे।
  • यदि संभव हो तो सुबह-शाम जिस प्रकार सैर करते हैं, उसी प्रकार साइकिल भी चलाना लाभदायक है। इस तरह शरीर में से फालतू कैलोरियां इस्तेमाल हो जाती हैं यानी शरीर की चर्बी घटाने में मदद मिलती है।
  • अपने आपको व्यर्थ की टेंशन में मत डालो। कोशिश करो की अकेला न रहे। देखने में आया है की जब वयक्ति को टेंशन होती है तो जायदा खाता है।

डायटिंग में आहार | Dieting Me Aahar

  • रोटी खाने के बाद 10-15 मिनट पैदल ज़रूर चलना चाहिए।
  • खुराक में फलों एवं सब्जियों का प्रयोग, विशेष तौर पर हरे पत्ते वाली सब्जियों का सेवन खुले दिल से करना चाहिए।
  • अपनी उम्र, कद-काठी और आप किस प्रकार का शारीरिक काम करते हैं, उसी के अनुसार खुराक का सेवन करना चाहिए। ज्यादा रेशे वाला भोजन करना चाहिए।
  • दिन में एक-दो बार भारी भोजन की बजाय 4-5 बार हल्का भोजन करना चाहिए।
  • शरीर का फालतू फैट यानी कैलोरियां जलाने के लिए स्कूटर की जगह पैदल चलना चाहिए। लिफ्ट पर चढ़ने के बजाय सीढ़ियों पर चढ़ना चाहिए। कहने का मतलब है कि ज्यादा-से-ज्यादा शारीरिक काम करना चाहिए।
  • अपने आपको काम में व्यस्त रखना भी ज़रूरी है। इस तरह खाने-पीने की ओर ध्यान नहीं दिया जाता।

    हमें खाली समय का सदुपयोग करना चाहिए। कम कैलोरी वाली वस्तुओं का प्रयोग खाने में करना चाहिए

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