गिलोय के फायदे और गिलोय खाने के सही तरीका | Giloy Ke Fayde In Hindi

गिलोय को संस्कृत में ‘अमृत बल्ली', 'गुडची', 'छिन्ना', ‘मधुपर्णी', 'वत्सादनी', 'कुण्डलिनी', 'अमृता' आदि नामों से पुकारा जाता है। यह ऐसी बेल होती है, जो प्राय: नीम के वृक्ष के सहारे फैलती है। इसीलिए इसे नीम गिलोय' या ‘गुर्च' भी कहते हैं। यह कोई साधारण बेल नहीं है। इस बेल में अनेक आयुर्वेदिक गुण भरे हुए हैं। इसके पत्ते चौड़े और पान के आकार के होते हैं। इसकी लता को काटकर कहीं भी लगा दो, यह वही पर फैलने लगती है।

यह दो प्रकार की होती है। शुष्क' और 'आद्र'। आद्र गिलोय अधिक लाभकारी होती है। यह कभी न सूखने वाली बेल कहलाती है। इस बेल का तना काफी मोटा होता है। देखने में रस्सी जैसा लगता है। इस पर पीले रंग के फूल गुच्छों के रूप में लगते हैं। इसके फल मटर के आकार के होते हैं। पर्वतीय क्षेत्र कुमाऊँ, आसाम, बर्मा, बिहार, कोंकण, कर्नाटक, सीलोन (लंका) तक सभी जगह यह बेल पाई जाती है। नीम पर चढ़ी बेल सर्वश्रेष्ठ होती है।

गिलोय के रोगोपचार में फायदे

गिलोय स्वाद में कड़वी चरपरी, तासीर में गर्म, वात, कफ, पित्त नाशक, मंदाग्नि को प्रदीप्त करने वाली, खाँसी, प्रमेह, कामला, कोढ़, ज्वर, वमन, श्वाँस, बवासीर, हृदय रोग को ठीक करती है और त्वचा संबंधी विकारों में अत्यंत गुणकारी है।

1. नेत्र रोग में गिलोय के फायदे

गिलोय के 10 ग्राम रस में 1-1 ग्राम शहद और सेंधा नमक मिलाकर अच्छी प्रकार से खरल कर लें और रोज रात्रि में सलाई से अंजन की भाँति लगाएँ। इससे आँखों में पड़ने वाली झाँई, रोहे, लाली, पीड़ा आदि नष्ट हो जाती हैं। गिलोय के रस में त्रिफला (हैडा, बहेडा, आँवला) का चूर्ण मिलाकर काढ़ा बना लें और उसमें पीपल का चूर्ण और शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें।

इससे नेत्रों की ज्योति बढ़ती है। गिलोय के 10 ग्राम रस में 3 ग्राम शहद मिला दें और उसे रोज रात्रि में आँखों में 2-2 बूंद करके टपकाएँ। कुछ ही दिनों के प्रयोग से आँखों के सारे रोग दूर हो जाएँगे। दृष्टि भी तेज हो जाएगी। आँखों के आगे आने वाला धुंधलापन और लाली भी नष्ट हो जाएगी।

2. बवासीर में गिलोय के फायदे

गिलोय का चूर्ण 1 ग्राम,बंशलोचन आधा ग्राम, छोटी इलायची का चूर्ण आधा ग्राम, मिश्री 10 ग्राम लेकर पीस लें और कपड़छन कर लें। इस चूर्ण को प्रतिदिन बीस दिन तक जल या शहद के साथ लेने से खूनी बवासीर' ठीक हो जाती है।

3. पीलिया रोग में गिलोय के फायदे

गिलोय के 20-25 ग्राम काढ़े में 2 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार रोगी को पिलाएँ। कुछ दिनों में ही पीलिया रोग जाता रहेगा। इसके पत्तों को पीसकर इसका रस निकाल लें और छाछ (मट्ठा) के साथ रोज पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

गिलोय का रस 1 लीटर, इसकी तने की छाल मय गूदे के 250 ग्राम, दूध 4 लीटर और भैंस का घी 1 किलो लेकर धीमी आँच पर पकाएँ। जब घी शेष रह जाए, तब उसे छान लें। रोज 10 ग्राम घी गाय के दूध के साथ सुबह-शाम पीने से पीलिया रोग जल्द ठीक हो जाता है।

4. गठिया बाय में गिलोय के फायदे

गिलोय के चूर्ण की 5 ग्राम की फंकी दिन में 2-3 बार पानी के साथ सेवन करने से गठिया बाव की बीमारी में बड़ा लाभ होता है और पेशाब खुलकर होता है।

5. वीर्य वृद्धि में गिलोय के फायदे

गिलोय, आँवला और गोखरू,तीनों को समभाग लेकर पीस ले और कपड़छन कर लें। इस चूर्ण का एक छोटा चम्मच या आधा चम्मच घी और मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करने से वीर्य पुष्ट होता है और वीर्य में अपार वृद्धि होती है

6. असाध्य ज्वर में गिलोय के फायदे

गिलोय, कुटकी, चिरायता, नागरमोथा और पित्त पापड़ा को सम भाग लेकर चौगुने पानी में पकाकर काढ़ा बना लें। रोगी को दो-तीन बार देने से असाध्य-से-असाध्य ज्वर उतर जाता है।

7. आतशक में गिलोय के फायदे

परवल के पत्ते, नील की छाल और गिलोय, इनका काढ़ा बनाकर पीने से आतशक की गर्मी शांत हो जाती है और जखम भर जाते हैं। गिलोय के काढ़े में 10 ग्राम अरण्डी का तेल मिलाकर पीने से भी आतशक रोग ठीक हो जाता है।

8. मंदाग्नि, पेचिश, दस्त में गिलोय के फायदे

गिलोय का काढ़ा बनाकर पीने से ये रोग चमत्कारिक रूप से ठीक हो जाते हैं। ताजी गिलोय 20 ग्राम, अजमोद 3 ग्राम, छोटी पीपल 2 ग्राम, नीम की सीकें 2 ग्राम, इन सभी को कूट-पीसकर 250 ग्राम पानी में रात्रि के समय किसी मिट्टी के बर्तन में रख दें। सुबह के समय छानकर इस पानी को 15-20 दिन तक पिलाने से पेट का कायाकल्प दूर हो जाता है और पेट के समस्त रोग दूर हो जाते हैं।

9. प्रमेह में गिलोय के फायदे

गिलोय का सत 1 ग्राम एक चम्मच शहद के साथ नित्य 15-20 दिन तक सुबह शाम चाटने से प्रमेह रोग में चमत्कारी लाभ होता है और रोगी प्रफुल्लता अनुभव करता है।

10. टी.बी. में गिलोय के फायदे

असगन्ध, गिलोय, शतावर, दशमूल, बलामूल, अडूसा, पोहकरमूल तथा अतीस के समभाग को लेकर (100-100 ग्राम) चौगुने पानी में ओटाकर काढ़ा बना लें और रोगी को सुबह-शाम 50 ग्राम मात्रा में सेवन कराएँ। 15-20 दिन में ही प्रभाव दिखाई देने लगेगा और धीरे-धीरे तपेदिक समाप्त हो जाएगी। इस बीच दूसरी चीजें न लेकर केवल दूध और मांसाहारी लोग केवल मांस रस का ही सेवन करें। इससे श्वाँस रोग' भी दूर हो जाता है।

11. कैंसर में गिलोय के फायदे

गिलोय का ठंडा रस 10 ग्राम, छोटी पीपल का चूर्ण 10 ग्राम, दोनों को मिलाकर सुबह-शाम पीने से कैंसर जैसा भयानक रोग भी ठीक हो जाता है। जवाहर 10 ग्राम, गिलोय का रस 20 ग्राम, दोनों को मिलाकर देने से रक्त कैंसर ठीक हो जाता है। परम पूज्य योगीराज रामदेव जी का यह आजमाया हुआ नुस्खा है।

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12. पित्त, कफ, आँव रोग में गिलोय के फायदे

गिलोय के 10 ग्राम रस में गुड़ मिलाकर लेने से ‘पित्त' और 'वायु रोग नष्ट हो जाता है। यदि गिलोय के 10 ग्राम सत को शहद के साथ लिया जाए तो कफ दूर हो जाता है और साँस लेने में आराम आ जाता है।

13. दुर्बलता में गिलोय के फायदे

अत्यधिक दुर्बलता यादि शरीर में महसूस हो तो 15 ग्राम गिलोय, 5 ग्राम अजमोद, 2 दाने छोटी पीपल और ताजा नीम के 10 पत्ते लेकर इनका काढ़ा बना लें। इस काढ़े को प्रतिदिन प्रात:काल सेवन करने से शरीर की दुर्बलता दूर होती है और शरीर निरोगी हो जाता है।

14. दमा में गिलोय के फायदे

गिलोय की जड़ की छाल का 10 ग्राम चूर्ण एक गिलास मट्ठे के साथ खाने से दमा दूर हो जाता है।

15 डायबिटीज में गिलोय के फायदे

गिलोय का सत 20 ग्राम, बड़ी इलायची का चूर्ण 2 ग्राम, शहद 2 चम्मच, तीनों को मिलाकर दिन में तीन बार सुबह, दोपहर, शाम चाटें डायबिटीज से शार्तिया लाभ होगा। गिलोय का काढ़ा दिन में दो बार पीने से भी डायबिटीज ठीक हो जाती है।

16. चेहरे की सुन्दरता में गिलोय के फायदे

गिलोय के 10 ग्राम रस में आधा नींबू निचोड़ दें और दोनों को अच्छी तरह मिला लें। उसे नित्य सुबह-शाम चेहरे को साफ करने से चेहरे की कान्ति बढ़ती है।

17सुजाक रोग में गिलोय के फायदे

गिलोय के पत्तों का काढ़ा दूध में मिलाकर पीने से एक माह के भीतर सुजाक रोग ठीक हो जाता है। मूत्र खुलकर और बिना तकलीफ के आने लगता है। इस प्रक्रिया को नित्य करने से एक सप्ताह में ही असर दिखाई देने लगता है, पर इसे करते रहना चाहिए, ताकि दुबारा यह रोग न हो सके।

18. कान का बहना में गिलोय के फायदे

गिलोय के पत्तों का रस निकालकर एक-एक पूँद दो तीन बार कान में डालने से कान बहना बंद हो जाता है।

19. सिर-दर्द, आधाशीशी का दर्द में गिलोय के फायदे

गिलोय का 10 ग्राम रस प्रतिदिन मिश्री मिलाकर रोगी को कम-से-कम 10-15 दिन पिलाएँ। इससे सिर-दर्द, आधा शीशी का दर्द तो ठीक होता ही है, ‘पित्त', 'ज्वर', ‘जलन', ‘प्यास', 'अरुचि', 'मूत्र रोग', 'खाँसी', ‘प्रदर रोग' आदि भी ठीक हो जाते हैं।

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