कुष्ठ रोग से छुटकारा पाने का 10 घरेलु इलाज के नुस्के

कुष्ठ रोग एक पुरानी फैलने वाली बीमारी है। इसमें त्वचा में घाव हो जाते हैं। ये मुख्यतया त्वचा, नाड़ी कोश तथा कई श्लेष्म कलाओं को प्रभावित करते हैं। इस भयानक रोग का कारक जीवाणु माइको बेक्टीरियम लेपराई है जो टी.वी। के जीवाणु से बहुत बराबरी रखता है।

कुष्ठ रोग के कौन कौन से लक्षण होते हैं।

  • त्वचा का बहुत चिकनापन या खुरदरापन
  • अधिक पसीने का आना या न आना
  • सुई चुभने जैसी पीड़ा
  • जलन- खुजली, घाव
  • औषधि करते हुए भी घावों में बढ़ोतरी का होना
  • स्थानिक स्पर्श इंद्रिय के कर्म की हानि
  • थकावट

ये मुख्य रूप से कुष्ठ रोग के लक्षण हैं।

कुष्ठ रोग में घरेलु इलाज

1। आरोग्यवर्धिनी वटी- 1-2 वटी दिन में दो बार उष्ण जल में दें।

2। रस माणिक्य 60-120 मि.ग्राम, 1 ग्राम बाकुची चूर्ण मिलाकर दिन में दो बार दें।

3। गंधक मिश्रण 2 गोली दिन में तीन बार दें।

4। पंचनिंब चूर्ण 1 ग्राम दिन में दो बार दें।

5। वृहत मंजिष्ठादि क्वाथ 15-30 मि.लि। दिन में दो बार दें।

6। पंचतिक्त घृत गुगुल 10 ग्राम दिन में दो बार देना चाहिए।

7। खदिरारिष्ट 15-30 मि.लि। बराबर जल मिलाकर भोजन के बाद दें।

8। उदय भास्कर रस 125 मि.ग्राम दिन में तीन बार दें।

9। अमृता गुगुल 2 गोली दिन में तीन बार दें।

10। बाह्य प्रयोग चालमुगरा तेल, वृहत मरिच्यादि तेल, कुष्ठ राक्षस तेल, सोमराजी तेल, कुष्ठ कालानल तेल, मन शिला तेल आदि लाभ करता है।

लाभ- तिक्तद्रव्य, मसूर, सरसों का तेल, तिल तेल, निंब तेल, अगरू तेल, गोमूत्र, गधे एवं भैंस का मूत्र, खीरा, परवल, मकोय, लहसुन, नागकेशर आदि लाभकारी हैं।

नुकसान- नया अन्न, उड़द, दही, ईख का रस, गुड़ आदि हानिकारक हैं।

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