नागरमोथा के फायदे - नागरमोथा का इस्तेमाल | Nagarmotha Ke Fayde Hindi

नागरमोथा को संस्कृत में 'वारिद', 'कच्छरूहा', 'मुस्तक', 'मुरूविन्द', ‘भद्रमोथा' आदि नामों से पुकारा जाता है। मेघ के सभी पर्यायवाची नामों का प्रयोग इस जड़ी के लिए किया जाता है। जो नागरमोथा अनूपदेश (मध्य प्रदेश में इन्दौर के निकट) में होता है, वह अच्छा माना जाता है। यह जलाशयों के निकट की भूमि पर होता है। इसकी लम्बाई दो फुट के लगभग होती है। इसकी जड़ से कसेरू जैसा कंद प्राप्त होता है। इस कंद को ही नागरमोथा कहा जाता है। इसका स्वरूप झाड़नुमा होता है। जमीन के नीचे रहने वाला कंद अंडाकार आधे इंच का होता है और बाहर से पीले रंग का तथा भीतर से सफेद रंग का होता है। इसके कंद से तेल भी निकाला जाता है।

नागरमोथा के रोगोपचार में फायदे

नागरमोथा स्वाद में चरपरा, शीतल, कटु, कसैला और हल्का रूखा होता है। यह रक्त-शोधक, कृमियों को नष्ट करने वाला, अरुचि को ठीक करने वाला तथा कफ और पित्त को नष्ट करने वाला होता है।

1. घुटनों का दर्द में नागरमोथा के फायदे

नागरमोथा के आधा चम्मच चूर्ण को प्रतिदिन ताजे पानी के साथ लेने से घुटनों तथा जोड़ों का दर्द जाता रहता है।

2. हृदय रोग में नागरमोथा के फायदे

हृदय रोग में नागरमोथा की जड़ को उबालकर और छानकर मिश्री मिलाकर पीना चाहिए। इससे शरीर की पाचन-क्रिया उद्दीप्त होती है और हृदय को शक्ति मिलती है।

3. पेट के कीड़ो को मारने में नागरमोथा के फायदे

नागरमोथा के चूर्ण की 10 ग्राम मात्रा रात्रि में सोने से पहले रोगी को देने पर पेट के कीड़े मरकर मल के साथ निकल जाते हैं।

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4. दस्त, उल्टी, में नागरमोथा के फायदे

नागरमोथा 10 ग्राम लेकर उसमें 30 ग्राम पानी मिलाकर पकाएँ। जब पानी जल जाए और नागरमोथा का दूध ही शेष रह जाए तो इस दूध की आधा चम्मच मात्रा को सुबह शाम सेवन करें। इससे दस्त और आँव रुक जाते हैं। इसका प्रयोग दिन में तीन बार भी कर सकते हैं।

5. मासिक धर्म की पीड़ा में नागरमोथा के फायदे

नागरमोथा को पीसकर उसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर गोलियाँ बना लें और सुबह-शाम इसका सेवन करें। इसके मासिक धर्म की पीड़ा शांत हो जाती है और मासिक स्राव समय पर होने लगता है।

6. प्रमेह में नागरमोथा के फायदे

नागरमोथा,दारूहल्दी, देवदार, त्रिफला इन चारों को समान भाग में लेकर इन्हें पानी में पकाएँ और काढ़ा बना लें। इस काढ़े को रोगी को सुबह-शाम पिलाएँ। प्रमेह में जल्द आराम आ जाएगा।

7. ज्वर में नागरमोथा के फायदे

नागरमोथा और गिलोय को समभाग में लेकर पानी में उबालें और काढ़ा बना लें। इस काढ़े को रोगी को देने पर ज्वर उतर जाता है।

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8. घाव में नागरमोथा के फायदे

त्वचा में घाव होने पर नागरमोथा की ताजी जड़ को घिसकर गाय के घी के साथ मिलाकर घाव पर लगाएँ। घाव जल्दी भर जाएगा।

9. पेशाब कम आने पर नागरमोथा के फायदे

दूध की लस्सी के साथ नागरमोथा के चूर्ण की 5 ग्राम फंकी लेने से पेशाब खुलकर आता है।

10. मुँह की बदबू में नागरमोथा के फायदे

नागरमोथा का चूर्ण, मुलहठी का चूर्ण, छोटी इलायची का चूर्ण, देवदार की जड़ का चूर्ण और सुगन्धकला का चूर्ण समभाग लेकर कूटपीसकर छान लें और शीशी में भरकर रख लें। इस चूर्ण की चुटकी मुँह में रखने या पान में डालकर चबाने से मुँह की दुर्गन्ध जाती रहती है।

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