पेचिश का घरेलू इलाज, इसके कारण एवं लक्षण

इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको पेचिश से जुड़ी सभी जानकारियों जैसे- पेचिश क्या होता है, पेचिश के लक्षण, कारण एवं पेचिश के घरेलू इलाज जैसी हर जानकारी से अवगत कराना चाहते हैं ताकि आप इस बीमारी से खुद को एवं अपने बच्चों को बचा सकें।

पेचिश क्या है? - What is Dysentery in Hindi?

पेचिश एक तीव्र संक्रामक बीमारी है जो न केवल भारत में बल्कि सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त है। जब मल के साथ म्यूकस तथा रक्त एवं पीब निकलने लगता है तो उसे पेचिश कहते हैं। चीन, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार, नेपाल, बंगलादेश, मेक्सिको आदि देशों में इसके रोगियों की संख्या बहुत अधिक है। भारत में कुल जनसंख्या का 15% लोग पेचिश से ग्रस्त होते हैं। पेचिश मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं, जोकि इस प्रकार हैं:-

  1. बेसिलरी पेचिश (Bacillary Dysentery)
  2. अमीबिक पेचिश (Amoebic Dysentery)

पेचिश रोग का प्रसार मार्च से अक्टूबर माह में सर्वाधिक होता है, इस रोग फैलाने वाले रोगाणु को बेसिलस बैक्टीरिया कहते हैं। इसका उद्भवन काल 1-3 दिन का होता है, कभी-कभी यह बढ़कर एक सप्ताह तक का हो जाता है, और इसका संक्रमण काल सामान्यत: 2-3 सप्ताह तक होता है, जब तक कि रोगी जीवाणुमुक्त नहीं हो जाता।

पेचिश का कारण - Causes of Dysentery in Hindi

जब पेचिश से पीड़ित व्यक्ति मल का त्याग करता है तो उसके मल में लाखों की संख्या में इसके सिस्ट उपस्थित होते हैं। यह सिस्ट दूषित जल, भोजन, कच्ची सब्जियाँ, फल या नाखूनों के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति की आंतों में पहुँचकर संक्रमण फैलाते हैं। यदि संक्रमित व्यक्ति भोजन पकाने अथवा परोसने का काम करता है तो रोग प्रसार की सम्भावना दुगनी हो जाती है।

  • पेचिश के अन्य कारण निम्न प्रकार से है:-
  • रोग का प्रसार मुख्यत: मल के माध्यम से होता है।
  • अस्वच्छता एवं गन्दगी से।
  • दूषित जल, भोजन, दूध एवं पेय पदार्थ से।
  • मक्खियों से।
  • बासी भोजन से।
  • रोगी के मल से।

पेचिश के लक्षण - Symptoms of Dysentery in Hindi

पेचिश के लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं:-

  • रोग होने की स्थिति में, प्रारम्भ में रोगी की नाभि के दायें एवं बायें हिस्सों में दर्द रहता है।
  • मल बँधा हुआ और अधिक होता है।
  • मल के साथ रक्त एवं म्यूकस मिला हुआ होता है।
  • पैरों में ऐंठन एवं खिंचाव होता है। हाथ-पैरों में टूटन महसूस होने लगती है।
  • कमर में दर्द रहने लगता है।
  • पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है। रोगी को ठीक से भूख नहीं लगती है।
  • सिरदर्द एवं बदन दर्द बना रहता है।
  • पेट में तीव्र पीड़ा होती है जिसके कारण रोगी बेचैन हो जाता है।
  • रोगी दिनभर में 20-25 बार या इससे भी अधिक बार शौच हेतु जाता है।
  • मल के साथ ही रक्त, म्यूकस एवं पीब निकलने लगता है। आंतों में तीव्र मरोड़ केसाथ मल त्याग होता है।
  • मल त्यागते समय गुदा-स्थल (Anus) पर दर्द होता है।
  • हाथ-पैरों में ऐंठन होती है।
  • जी मिचलाना, भोजन के प्रति अरुचि, सिरदर्द, उल्टी होना आदि शिकायतें भी बनीरहती हैं।
  • रोगी काफी कमजोर हो जाता है, उसे चलने-फिरने की भी ताकत नहीं रहती है।

पेचिश का घरेलू इलाज - Home Remedies For Dysentery in Hindi

घर में मौजूद इन चीजों से आप पेचीस पेचिश का घरेलू इलाज कर सकते हैं:-

1. छाछ या फिर संतरे का जूस

संतरे का जूस और छाछ पेचिश को रोकने का एक अच्छा घरेलू नुस्खा है। यह आपके पेट के लिए ज़रूरी बैक्टीरिया को विकसित करने में सहायता करता है। छाछ और दही दोनों में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जोकि पेट में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया का विनाश करते हैं।

2. पेचिश के लिए बेल

बेल भी पेचिश के लिए एक प्रभावी इलाज करने में आपकी मदद कर सकता है। आप इसके गूदे का शरबत बनाकर दिन में दो बार पिएं यह पेचिश को दूर करने के लिए एक प्रभावी इलाज है।

3. सेंधा नमक के साथ छाछ या लस्सी

ए‍क गिलास छाछ में चुटकी भर सेंधा नमक तथा भुना हुआ जीरा पाउडर मिलाकर दिन में दो बार पीने से पेचिश दूर होता है। गर्मियों में आप इसका प्रयोग रोजाना दोपहर के खाने के साथ भी कर सकते हैं।

4. नींबू का शरबत

नींबू में एंटीबैक्टीरियल गुण  पाये जाते हैं जोकि पाचन क्रिया में होने वाले इन्फेक्शन का सुधार करते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी पाये जाते हैं जोकि शरीर से पेचिश के लक्षणों को खत्म करके वापस आपको स्वस्थ होने मे सहता प्रदान करते हैं।

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