विटामिन के प्रकार और विटामिन की कमी से होने वाले रोग - Types Of Vitamins And Their Deficiency Diseases In Hindi

विटामिन भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यद्यपि शरीर को इनसे ऊर्जा (कैलॉरी) नहीं मिलती लेकिन ये शरीर की पाचन की क्रियाओं का नियमन करते हैं और शरीर के विकास में सहायक होते हैं। इसके अलावा ये पोषक तत्वों की कमी से भी शरीर को बचाते हैं। इनके अभाव में मानव शरीर कई तरह की गम्भीर बीमारियों का शिकार हो सकता है।

इसलिए भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और वसा के साथ ही विभिन्न तरह के विटामिनों का समावेश भी अत्यन्त जरूरी है। विटामिन दूध, अण्डे, हरी सब्जियाँ, मौसमी फल इत्यादि में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

विटामिन क्या होते है - What Is vitamins In Hindi

विटामिन एक आवश्यक पोषक तत्व है। विटामिन भी अन्य जैविक यौगिकों से भिन्न होते हैं, जो कि उनके कार्यों को पूरा करने के लिए अपेक्षाकृत कम मात्रा में आवश्यक होते हैं। लिपिड, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट जैसे अन्य जैविक रूप से महत्वपूर्ण यौगिकों से विटामिन कई मायनों में अलग हैं। विटामिन आहार से या कुछ क्रत्रिम स्रोत से प्राप्त किया जाना चाहिए। इसी कारण से, विटामिन को आवश्यक पोषक तत्व कहा जाता है। यदि आहार से एक विटामिन अनुपस्थित है या शरीर द्वारा ठीक से अवशोषित नहीं किया जाता है, तो एक विशिष्ट कमी रोग विकसित हो सकती है।

सभी प्राकृतिक विटामिन कार्बनिक खाद्य पदार्थ हैं जो केवल जीवित चीजों में पाए जाते हैं, अर्थात्, पौधे और जानवर। कुछ अपवादों के साथ, शरीर विटामिन का निर्माण या संश्लेषण नहीं कर सकता है। उन्हें भोजन द्वारा या खाने की खुराक में पूरी की जानी चाहिए। विटामिन हमारे शरीर के सामान्य जीवनशैली के कामकाज के लिए आवश्यक हैं। विटामिन विकास, जीवन शक्ति, स्वास्थ्य, सामान्य स्वास्थ्य और कई स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों की रोकथाम और इलाज के लिए आवश्यक हैं।

विटामिन के प्रकार और उनसे होने वाले रोग - Types Of Vitamins and Their Deficiency Diseases In Hindi

विटामिन के प्रकार कई होते है जैसे- ए, बी, सी, डी, ई (थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड, बायोटिन, विटामिन बी -6, विटामिन बी -12 और फोलेट) इत्यादि तरह के होते हैं।

विटामिन बी-काम्पलेक्स में छः तरह के विटामिन शामिल हैं। प्रमुख विटामिन्स का विवरण निम्नलिखित है

विटामिन ‘ए’- Vitamin'A'

विटामिन ‘ए’ को रेटीनॉल भी कहते हैं। विटामिन ‘ए’ आँखों की रोशनी के लिए आवश्यक है साथ ही स्वस्थ त्वचा के लिए भी यह जरूरी है।

यह दूध, घी, मक्खन, अण्डे, हरी पत्तेदार सब्जियों, गाजर टमाटर इत्यादि में होता है। गरीब घर के बच्चों में कुपोषण के कारण इसकी कमी हो जाती है।

विटामिन ‘ए’ की कमी के कारण होने वाले रोग- रतौंधी, जीरो आपथेलमिया इत्यादि।

विटामिन 'बी' काम्पलेक्स - Vitamin 'B'

विटामिन 'बी' काम्पलेक्स मे कई तरह के विटामिन्स शामिल हैं जो शरीर के लिए अत्यन्त आवश्यक होते हैं। इनका संक्षिप्त विवरण निम्न है :

(अ) विटामिन बी-1 या थायमिन- हृदय एवं शरीर के तन्त्रिका तन्त्र को स्वस्थ और सक्षम रखना।

स्रोत- ताजे फल, सब्जियाँ, विशेषकर हरी सब्जियाँ।

विटामिन बी-1 या थायमिन की कमी के कारण होने वाले रोग- बी-1 की कमी के कारण बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है।

(ब) विटामिन बी-2 रिबोफ्लेविन- आँख एवं त्वचा की कोशिकाओं का विकास। रक्त के उत्पादन में सहयोग।

स्रोत- अंकुरित अनाज, माँस, पनीर इत्यादि ।

रिबोफ्लेविन की कमी के कारण होने वाले रोग- मुँह, ओंठों के किनारों पर छाले, एवं खून की कमी।

(स) विटामिन बी-3 या नियासिन या निकोटिनिक अम्ल- त्वचा एवं मस्तिष्क की कोशिकाओं का पोषण।

स्रोत- यह माँस, खमीर, चोकरयुक्त आटा, काफी-बीन, मटर इत्यादि में पाया जाता है।

नियासिन या निकोटिनिक अम्ल की कमी के कारण होने वाले रोग- त्वचा एंव मुँह में छाले, बुद्धि की कमी (मेंटल रिटाडेशन) इत्यादि।

 (द) विटामिन बी-6 (पाइरीडॉक्सिन)- तन्त्रिका तन्त्र की कोशिकाओं का पोषण, रक्त उत्पादन में सहायक।

स्रोत- यह छिलके सहित अनाज, यकृत, फलीयुक्त सब्जियाँ, केला इत्यादि में पाया जाता है।

विटामिन बी-6 (पाइरीडॉक्सिन) की कमी के कारण होने वाले रोग- न्यूराइटिस, डरमेटोटाइटिस, खून की कमी।

(ई) विटामिन बी-12 (बायोटिन)- यह रक्त उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभाता है।

स्रोत- यह माँस, मछली, अण्डों एवं हरी सब्जियों तथा फलों में पाया जाता है।

विटामिन बी-12 (बायोटिन) की कमी के कारण होने वाले रोग- रक्ताल्पता या खून की कमी

विटामिन 'सी' (एस्कार्बिक अम्ल) - Vitamin 'C'

विटामिन 'सी' रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा रक्त उत्पादन में सहायक, मसूड़ों को स्वस्थ रखने में भी यह सहायक होता है।

स्रोत- नीबू, सन्तरा, मोसंबी, आँवला, अमरूद, हरी मिर्च इत्यादि।

विटामिन-सी (एस्कार्बिक अम्ल) की कमी से होने वाले रोग- स्कर्वी, रक्ताल्पता, रोगों से लड़ने की शरीरिक क्षमता में कमी इत्यादि।

विटामिन 'डी' (कोलेकेल्सीफेराल) - Vitamin 'D'

विटामिन 'डी' हड्डियों का विकास और उनकी देखभाल करना।

स्रोत- सूर्य की किरणें, मछली का तेल, अण्डा, दूध इत्यादि।

विटामिन डी (कोलेकेल्सीफेराल) की कमी के कारण होने वाले रोग- बच्चों में रिकेट्स और बड़ों में आस्टोमलेशिया। 

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विटामिन 'ई' (अल्फा टोकोफेराल) - Vitamin 'E'

विटामिन 'ई' स्वास्थ्य यौन जीवन के लिए जरूरी, मधुमेह (Diabetes) के रोगियों में रोग की जटिलताओं से बचाव।

स्रोत- चोकर, वानस्पतिक तेल, मेवे, गाजर इत्यादि।

विटामिन ई (अल्फा टोकोफेराल) की कमी के कारण होने वाले रोग- नपुंसकता, बाँझपन, पिण्डलियों में दर्द इत्यादि। 

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विटामिन 'के' - Vitamin 'K'

विटामिन 'के' कुछ ऐसे विशेष पदार्थों को उत्पन्न करता है, जो रक्त जमाने में सहायक होते हैं।

स्रोत- यह आंतों में उपस्थित जीवाणुओं द्वारा भी उत्पन्न किया जाता है। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों से प्राप्त होता है।

विटामिन 'के' की कमी के कारण होने वाले रोग- विटामिन 'के' की कमी से मस्तिष्क एवं आंतों में रक्तस्राव, चोट लगने पर रक्तस्राव शीघ्र बन्द न होना।

 

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