यूरिन (Urine Test) टेस्ट क्या है - यूरिन टेस्ट की नॉर्मल वैल्यूज, कब करना चाहिए, प्रक्रिया और घरेलू उपाए
यूरिन हिन्दी मे मूत्र या पेशाब कहते है, यूरिन क्या है? यूरिन या मूत्र या पेशाब भी शरीर से बाहर निकाले जाने वाले मलों अथवा व्यर्थ पदार्थों में से एक है। हर व्यक्ति को मूत्र के रंग, मात्रा, कितनी बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है आदि पर ध्यान देना चाहिए।
विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए मूत्र का उन्मूलन बहुत महत्वपूर्ण है। यह उदाहरण के लिए, शरीर में पानी के संतुलन को नियंत्रित करता है, और उन पदार्थों से भी छुटकारा दिलाता है जो चयापचय प्रक्रियाओं के दौरान उत्पन्न होते हैं और शरीर द्वारा इनकी आवश्यकता नहीं होती है।
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यूरिन टेस्ट की नॉर्मल वैल्यूज क्या है आइये जानते है, ये निम्न प्रकार है-
- यह यूरिन टेस्ट दूषित त्रिदोषों को समझने में सहायता देता है
- एक स्वस्थ व्यक्ति का मूत्र साफ होता है तथा उसमें अधिक झाग नहीं उठते
- मटमैला, गाढ़ा और भद्दे रंग का मूत्र जो कम मात्रा में आता है, वात दूषित होने का सूचक है
- यदि मूत्र का रंग लालामी लिए हुए अथवा गहरा पीला है और इसमें तीव्र गंध आती है तो यह पित्त दूषित होने का संकेत है
- सफेदी लिए हुए झागदार मूत्र कफ बढ़ने की सूचना देता है
- जब तीनों दोषों का संतुलन बिगड़ जाता है तो मूत्र का रंग कुछ काला-सा हो जाता है।
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यूरिन के अस्थायी लक्षणो से घबराने की आवश्यकता नहीं है ये निम्न कारणो से भी हो सकते है। यदि यह लक्षण ज्यादा टाइम टीके दिखे तो अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
कभी-कभी बताए गये लक्षण जैसे रंग और गंध, खाद्यपदार्थों के कारण भी पैदा हो सकते हैं। जैसे-
- चुकंदर खाने से मूत्र को रंग लाल हो सकता है
- फूलगोभी, बंदगोभी या लहसुन खाने से तीव्र गंध आने लगती है
- विटामिन या आइरन की दावा खाने से भी गंध आती है
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यूरिन टेस्ट कब करना चाहिए ये हम आपको बताएगे? यदि किसी को बार-बार और कम मात्रा में मूत्र आता है तो दवाई से उसका उपचार करना चाहिए।
यदि किसी को बहुत देर बाद और जल्दी जल्दी में पेशाब आता है तो उसका कारण विकृत पित्त होता है। इलाज सही से काम नहीं कर रहा होता है तो आपका डॉक्टर यूरिन टेस्ट करवाने के लिए बोलता है। ताकि आपके डॉक्टर को पता चले के आपको रोग क्या हुआ है या आपके शरीर मे कमी क्या है

अधिकतर यूरिन टेस्ट का उपयोग किया जाता है-
- सर्जरी से पहले
- एक नियमित चिकित्सा या शारीरिक परीक्षा के भाग के रूप में
- गुर्दे की बीमारी
- पेशाब नली के संक्रमण
- गर्भावस्था की जाँच के दौरान प्रीमेप्टिव स्क्रीनिंग के रूप में
- मधुमेह
- पेट में दर्द
- पेशाब करने में दर्द
- पीठ दर्द
- पेशाब से खून आना
- लिवर की की बीमारी
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यदि आपके पास इनमें से किसी भी स्थिति के लिए पहले से ही निदान है, तो आपका चिकित्सक उपचार की प्रगति या स्थिति की जांच करने के लिए यूरिनलिसिस का उपयोग कर सकता है।
यूरिन टेस्ट या मूत्र परीक्षण प्रक्रिया प्रयोगशाला परीक्षण है। यह आपके चिकित्सक को उन समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है जो आपके मूत्र द्वारा कई बीमारियो को दिखाया जा सकता हैं।
- जब कई बीमारियां और विकार आपके शरीर को प्रभावित करते हैं तो आपके शरीर से अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को कैसे निकालना है।
- इसमें शामिल अंग आपके फेफड़े, गुर्दे, मूत्र पथ, त्वचा और मूत्राशय हैं। इनमें से किसी के साथ समस्याएं आपके मूत्र की उपस्थिति, एकाग्रता और सामग्री को प्रभावित कर सकती हैं।
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- यूरिन टेस्ट, ड्रग स्क्रीनिंग या गर्भावस्था परीक्षण के समान नहीं है, हालांकि तीनों परीक्षणों में मूत्र का नमूना शामिल होता है।
- अपने मूत्र का नमूना डॉक्टर के कार्यालय, अस्पताल, या विशेष परीक्षण सुविधा में देंगे। आपको एक प्लास्टिक कप दिया जाएगा। जिस कप में पेशाब कर सकते हैं।
- कप के अंदर छूने से बचें, ताकि आप अपने हाथों से बैक्टीरिया नमूने में न चले जाए।
- जब आप नमूना ले ले, तो ढक्कन को कप पर रखें और अपने हाथों को धो लें।
- आप या तो कप को बाथरूम से बाहर लाएंगे या इसे बाथरूम के अंदर एक निर्देशित डिब्बे में छोड़ देंगे।
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यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाए निम्न प्रकार दिये गए है-
- अधिक मात्रा में पेय पदार्थ, ठंडा पानी तथा मूत्रल पेय आदि लेकर करना चाहिए।
- मूत्र-प्रणाली को ठीक बनाये रखने के लिए तरल पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए, खासकर प्रात:काल उठते ही कम-से-कम आधा लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए।
- पेशाब करने की इच्छा होने पर उसे कभी रोकना नहीं चाहिए।
- यदि मूत्र-त्याग करते समय दर्द का अनुभव हो, बहुत जल्दी या बहुत देर बाद मूत्र-त्याग की इच्छा हो अथवा मूत्र की मात्रा बहुत कम या बहत अधिक हो अथवा मूत्र चिकना या गॅदला हो और साथ में खून भी आये तो समझना चाहिए कि कोई गम्भीर रोग हुआ है। ऐसे में तुरन्त डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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