अगस्त्य या अगस्तिया के फायदे | Agastya Ke Fayde in Hindi

अगस्तिया को संस्कृत में ‘अगस्त्य', ‘मुनिहुम', ‘मुनिपुष्प' और 'बंगसेन', आदि नामों से पुकारते हैं। घनी डालियों वाले इसके पेड़ बड़े-बड़े होते हैं। जब ये वृक्ष छोटे होते हैं तभी इन पर सेम की फलियों जैसी फलियाँ लगने लगती हैं। हरी रहने पर इनका कुछ लोग शाक के रूप में भी प्रयोग करते हैं।

अगस्तिया के वृक्षों पर भेद की दृष्टि से सफेद, पीले, नीले और लाल फूल लगते हैं। इनके पत्ते पीले और सफेद रंग के ही अधिक पाए जाते हैं। इसके वृक्ष वैसे तो सारे भारत में पाए जाते हैं, पर बंगाल में इनकी संख्या बहुतायत से प्राप्त होती है। जहाँ जल प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है और वायुमंडल उष्णता के लिए होता है, वहाँ ये अधिक संख्या में होते हैं।

इनकी ऊँचाई 20-30 हाथ तक ही होती है। इसके पत्ते जोड़ों में लगते हैं और एक से डेढ़ इंच तक लंबे अण्डाकार होते हैं। इसकी फलियों में 15-20 हल्के रंग के बीज होते हैं। सर्दियों में इस पर फलियाँ लगती हैं।

अगस्तिया के रोगोपचार में फायदे

अगस्तिया के वृक्ष की छाल कसैली, चरपरी और शक्तिवर्द्धक है। इसकी फलियाँ शाक के रूप में और पत्ते, पुष्प और छाल रोगोपचार में काम आते हैं। इसके पुष्प ठंडी तासीर वाले होते हैं। स्वाद में कड़वे, चरपरे और तिक्त होते हैं। इसके पत्ते भी कटु, तिक्त, गर्म और पकाने पर स्वादु होते हैं। इसकी फलियाँ स्वादु होती हैं, जो दस्तावर, स्मरण-शक्ति को बढ़ाने वाली, पित्त नाशक, दर्द को मिटाने वाली, पाचक और शक्तिवर्द्धक होती हैं।

1. कफ, पित्त व श्वाँस रोग में अगस्तिया के फायदे

मूली के 10 ग्राम रस में थोड़ा-सा शहद मिलाएँ और उसमें अगस्तिया के पत्तों, फूलों, जड़ और बीजों को पीसकर 10 ग्राम चूर्ण मिलाएँ या उनका 10 ग्राम रस मिलाएँ और रोगी को सुबह-शाम एक सप्ताह तक पिलाएँ। इससे उपर्युक्त सभी रोगों में बड़ा आराम मिलेगा। पेशाब भी खुलकर आएगा।

2. सिरदर्द और जुकाम में अगस्तिया के फायदे

अगस्तिया के पत्तों और फूलों को मसलकर एक साथ सूघने से सिर दर्द और जुकाम-नजला आदि दूर हो जाता है। जुकाम में इसकी जड़ का 10-20 ग्राम रस शहद में मिलाकर रोगी को दिन में दो तीन बार देना चाहिए।

3. आधा सीसी दर्द में अगस्त्य के फायदे

सिर के जिस भाग में आधा-सीसी का दर्द हो, उसके विपरीत नाक के नथुने में अगस्तिया के पत्तों और फूलों को मसलकर निकाली गई रस की बूंदों में से 2-3 बूंदें टपका देनी चाहिए। इससे तत्काल लाभ होता है।

4. नेत्र विकार में अगस्तिया के फायदे

अगस्तिया के फूलों का रस 2-2 बूंद करके आँखों में दो बार सुबह शाम डालने से आँखों का धुंधलापन दूर हो जाता है, जाला कट जाता है और रोहों में बड़ा आराम मिलता है।

5. पेट दर्द में अगस्त्य के फायदे

अगस्तिया की छाल के 20 ग्राम काढ़े में थोड़ा-सा सेंधा नमक और भुनी हुई 20 नग लौंग पीसकर मिला दें और उसे सुबह-शाम रोगी को पिलाएँ। पेट दर्द तो ठीक होता ही है, यदि तीन दिन इसे पिला दें तो पेट के अन्य बहुत से रोग, जैसे कब्ज', 'अपच', ‘मंदाग्नि', 'वायु विकार' आदि भी ठीक हो जाते हैं।

6. गठिया बाय में अगस्तिया के फायदे

अगस्तिया की जड़ और धतूरे की जड़ को समभाग में लेकर पीस लें और उसकी पुल्टिस बना लें। फिर उसे दर्द बाय वाले स्थान पर बाँध दें। इससे गठिया बाय में बड़ा आराम मिलता है और सूजन आदि उतर जाती है। दर्द यदि ज्यादा न हो तो अगस्तिया की जड़ को भी पीसकर, उसका लेप कर सकते हैं।

7. खाज-खुजली में अगस्त्य के फायदे

अगस्तिया के पत्तों को सुखाकर महीन पीस लें और 250 ग्राम चूर्ण एक किलो दूध में मिलाकर उसे उबाल लें और उसकी दही जमा दें। दही जम जाने पर उसका मक्खन निकाल लें। उस मक्खन को खाज-खुजली के स्थान पर अच्छी तरह से मलें। खाज-खुजली की शिकायत दूर हो जाएगी।

8. स्मरण-शक्ति वृद्धि में अगस्तिया के फायदे

अगस्तिया की फलियों में से बीज निकालकर उसका चूर्ण बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 250 ग्राम दूध के साथ इसका 10 ग्राम चूर्ण बीस दिन तक सेवन करें। इससे बच्चों और बड़ों की स्मरण-शक्ति तेज होती है और बुद्धि विकसित हो जाती है।

9. बुखार में अगस्त्य के फायदे

अगस्तिया के पत्तों का रस दो-तीन चम्मच 15 दिन तक रोगी को शहद मिलाकर चटाएँ। बार-बार बुखार आने की शिकायत हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।

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