जीरा के फायदे एवं जीरा से होने वाले नुकसान | Benefits and disadvantages of Cumin Seed

संस्कृत में जीरा को ‘जीरक', 'लरण', 'अजाजी', ‘कणा' आदि नामों से पुकारा जाता है। जीरा दो प्रकार का होता है-काला और सफेद। काला जीरा अंग्रेजी में Black Caraway कहलाता है। इसे दीर्घ जीरक (सफेद) और कृष्णा जीरक (काला) भी कहते हैं। सफेद जीरा मसालों में प्रयोग होता है। स्याह जीरा, सफेद जीरा से महँगा होता है। इसमें कई प्रजातियाँ प्राप्त होती हैं।

जीरा का पौधा सौंफ के पौधे की भाँति होता है। यह पहले सफेद गुच्छों में प्राप्त होता है, पर पकने पर फलों के रूप में बदल जाता है। जीरे की खेती पूरे भारत में होती है। अधिकांशत: उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में यह बहुतायत से होता है। काला जीरा गढ़वाल, कश्मीर, कुमाऊँ, अफगानिस्तान और ब्लूचिस्तान में सात से बारह हजार फुट की ऊँचाई पर पाया जाता है।

जीरा के रोगोपचार में फायदे

सफेद जीरे में अजवायन की तरह उड़नशील तेल होता है और काले जीरे में भी ऐसा तेल पाया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। ये दोनों प्रकार के जीरे रूखे और मामूली चरपरे होते हैं। ये जीरे पित्तवर्द्धक, गर्भाशय और पेट को शुद्ध करने वाले, ज्वर नाशक-पाचक, वीर्यवर्द्धक, बलकारक, कफ नाशक, अतिसार को नष्ट करने वाले, नेत्रों के लिए हितकारी, रुचिकारक विष नाशक आदि होते हैं।

1. बच्चों के दस्त में जीरा के फायदे

बच्चों को दस्त होने पर 5 ग्राम जीरे को तवे पर भूनकर पीस लें और दही या दही की नमकीन लस्सी के साथ रोगी को दो-तीन बार पिला दें। दस्त रुक जाएँगे। बच्चों को इस भूने जीरे का चूर्ण पानी के साथ दो-तीन बार देने से दस्त रुक जाते हैं।

2. संग्रहणी में जीरा के फायदे

100 ग्राम भांग, 20 ग्राम सौंठ, जीरा 400 ग्राम, इन तीनों को बारीक पीसकर बारीक छलनी में छान लें और उस चूर्ण की 80-90 खुराक बना लें। सुबह शाम खाना खाने से आधा घंटा पहले एक दो चम्मच दही के साथ एक-एक खुराक का सेवन करने से पुरानी-से-पुरानी संग्रहणी समाप्त हो जाती है। तली चीजों का परहेज करें और दही, चावल, खिचड़ी, नमकीन, लस्सी, मट्ठा आदि का सेवन करें।

भुना जीरा और कच्ची-पक्की सौंफ दोनों को मिलाकर एक शीशी में रख लें। दिन में दो-तीन बार एक-दो चम्मच की फंकी ताजे जल से लेने पर पेट का मरोड़ ठीक हो जाता है और पतले दस्त रुक जाते हैं।

3. बवासीर में जीरा के फायदे

बवासीर के मस्से जब गुदा द्वार से बाहर निकल आएँ और सूज जाएँ, तब काले जीरे को पानी में उबालकर उसकी सेक करें। इससे आराम आ जाता है। 5 ग्राम सफेद जीरा पानी में उबाल लें। जब पानी चौथाई रह जाए तब उसमें मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से लाभ होता है। सूजन दूर हो जाती है और पीड़ा कम हो जाती है।

4. पेट के कीड़ो में जीरा के फायदे

400 ग्राम पानी में 15-20 ग्राम जीरे को उबालकर काढ़ा बना लें और रोगी को रात्रि में सोने से पहले पिला दें। पेट के कीड़े मरकर मल द्वारा बाहर निकल जाएँगे।

5. खुजली में जीरा के फायदे

50 ग्राम जीरा 25 ग्राम, सिन्दूर लेकर 400 ग्राम कड़वे तेल में पका लें । उस तेल का लेप करने से खुजली मिट जाती है।

6. ज्वर में जीरा के फायदे

कचनार की छाल के 20 ग्राम रस में 5 ग्राम जीरे का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार रोगी को देने से ज्वर उतर जाता है।

7. मलेरिया बुखार में जीरा के फायदे

करेले के 10 ग्राम रस में 5 ग्राम जीरे का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार पिलाएँ। मलेरिया बुखार में यह अत्यंत लाभदायक है।

8. कुत्ते के काटने पर जीरा के फायदे

5 ग्राम जीरा, 5 ग्राम काली मिर्च, दोनों को पानी में पीसकर रोगी को पिलाएँ। कुत्ते के काटे का विष उतर जाता है। घाव पर इसका लेप भी कर देना चाहिए।

9. विष नाशक में जीरा के फायदे

बिच्छु या मकड़ी के विष फैलने में जीरे को सौंठ, नमक व पानी में पीसकर, घी अथवा शहद के साथ थोड़ा गर्म करके रोगी के उस स्थान पर लगाएँ जहाँ डंक मारा हो या मकडी फल गई हो। विष उतर जाएगा।

10. श्वेत व रक्त प्रदर में जीरा के फायदे

5 ग्राम जीरा पीसकर 10 ग्राम मिश्री के चूर्ण में मिलाकर चावलों के मांड के साथ दोनों समय पिलाने से बड़ा लाभ होता है।

11. मंदाग्नि में जीरा के फायदे

जीरे और धनिये का सम भाग लेकर उसका पानी में काढ़ा बना ले। भोजन से आधा घंटा पहले इसका सेवन करने से मंदाग्नि की शिकायत दूर हो जाता है।

जीरा से होने वाले नुकसान

जीरा से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार से है-

1. लीवर और किडनी में जीरा से नुकसान

जीरा के बीज में मौजूद तेल अत्यधिक वाष्पशील होते हैं और लंबे समय तक जीरे के बीज का सेवन करने पर लीवर और किडनी खराब हो सकते हैं। जीरा तेल का उपयोग जानवरों की मांसपेशियों की ऐंठन को रोकने या कम करने के लिए किया जाता है

2. गर्भपात एवं प्रसव पीड़ा में जीरा से नुकसान

गर्भवती महिलाओं पर जीरे के बीज का गर्भनिरोधक प्रभाव हो सकता है। इसका मतलब है कि बड़ी मात्रा में जीरे के सेवन से गर्भपात हो सकता है या समय से पहले प्रसव पीड़ा हो सकती है

3. रक्त-शर्करा में जीरा से नुकसान

अधिक मात्रा में जीरा का सेवन करने से शरीर में रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है।

4. एलर्जी में जीरा से नुकसान

जीरा के सेवन से त्वचा पर चकत्ते और एलर्जी भी हो सकती है। इसलिए स्किन एलर्जी वाले लोगों को जीरा का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए

5. मधुमेह (शुगर) में जीरा से नुकसान

मधुमेह के रोगियों को अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है। स्वस्थ रहने के लिए उनके पास सामान्य रक्त शर्करा स्तर होना चाहिए। रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव एक सख्त मधुमेह रोगियों के लिए नहीं है। मधुमेह रोग वाले लोगों को जीरे का सेवन करने से बचना चाहिए।

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